अद्ययावत् (अद्य + यावत्)
अनसूया (अन् + असूया)
अभीष्ट (अभि + इष्ट)
अत्युत्तम (अति + उत्तम)
अत्यल्प (अति + अल्प)
अत्याचार (अति + आचार)
अन्वर्थ (अनु + अर्थ)
इयत्ता (इयत् + इतके + ता)
ईश्वरेच्छा (ईश्वर + इच्छा)
उज्ज्वल (उत् + ज्वल)
उष्ण (उष + न)
एकैक (एक + एक)
कवीश्वर (कवि + ईश्वर)
कवीच्छा (कवि + इच्छा)
कोट्यधीश (कोटि + अधीश)
कित्येक (किती + एक)
गणेश (गण + ईश)
गंगोदक (गंगा + उदक)
गांगोर्मी (गंगा + ऊर्मी)
गंगौघ (गंगा + ओघ)
गिरीश (गिरि + ईश)
गुरुपदेश (गुरू + उपदेश)
गुर्वैश्वर्य (गुरू + ऐश्वर्य)
तत्त्व (तत् + त्व)
चतुरस्र (चतुर + अस्र)
देवर्षी (देव ॠषी)
देव्यैश्वर्य (देवी + ऐश्वर्य)
धारोष्ण (धारा + उष्ण)
जलौघ (जल + ओघ)
जलोर्मी (जल + ऊर्मी)
जनैक्य (जन + ऐक्य)
त्र्यंबक (त्रि + अंबक + डोळे)
नयन (ने + अन)
नद्योघ (नदी + ओघ)
गवीश्वर (गो + ईश्वर)
गायन (गै + अन)
नाविक (नौ + इक)
गोलाकार (गोल + आकार)
गोमतीच्छा (गोमती + इच्छा)
निर्भर्त्सना (निर् + भर्त्स् + अन)
निसर्गोपचार (निसर्ग + उपचार)
नैॠत्य (नैॠति + य)
परीक्षा (परि + ईशा) इ+ई+ई
पार्वत्तीश (पार्वती + ईश)
प्रतीक्षा (प्रति + ईक्षा) इ+ई+ई
प्रजैक्य (प्रजा + ऐक्य)
प्रीत्यर्थ (प्रीति + अर्थ)
प्रित्राज्ञा (पितृ + आज्ञा)
पित्रर्थ (पितृ + अर्थ)
बालौत्सुक्य (बाल + औचित्य)
ब्रह्यर्षी (ब्रह्य + ॠषी)
भान्वीश्वर (भानू + ईश्वर)
भानूद्य (भानु + उत्कर्ष)
भ्रात्रिच्छा (भ्रातृ + इच्छा)
भूद्धार (भू + उद्धार)
भूर्जा (भू + ऊर्जा)
महर्षी (महा + ॠषी)
महेंद्र (महा + इंद्र)
मथितार्थ (मथित + घुसळलेला + अर्थ)
महत्तम (महत् + तम)
महीश (मही + ईश)
महौदार्य (महा + औदार्य)
मातृण (मातृ + ॠण)
मतैक्य (मत + ऐक्य)
महर्षी (महा + ॠषी)
मन्वंतर (मनु + अंतर)
मध्वोज (मधु + ओज)
यथेष्ट (यथा + इष्ट)
यामुनौघ (यमुना + ओघ)
यव्दिन्द्र (यदु + इन्द्र)
रमेश (रमा + ईश)
रवींद्र (रवि + इंद्र) इ+इ+ई
रंभोरू (रंभा + ऊरू)
राजाज्ञा (राजा + आज्ञा)
रामेश्वर (राम + ईश्वर)
लघुतम (लघु + तम)
लोकेच्छा (लोक + इच्छा)
वधूत्कर्ष (वधू + उत्कर्ष)
वाङ्.मय (वाक् + मय) क् + म ङ्.म
विध्यर्थ (विधि + अर्थ)
विद्यार्थी (विद्या + अर्थी)
विद्यालय (विद्या + आलय)
विद्यामृत (विद्या + अमृत)
विद्यैश्वर्य (विद्या + ऐश्वर्य)
वृक्षौदार्य (वृक्ष + औदार्य)
शरच्चंद्र = शरद् + चंद्र (शरत् + चंद्र)
समुद्रोर्मी (समुद्र + ऊर्मी)
सदैव (सदा + एव)
सुशीला (सु + शीला)
सुज्ञ (सुज्ञ + ज्ञ = जाणणारा)
सूर्यास्त (सूर्य + अस्त)
सूर्योदय (सूर्य + उदय)
स्वल्प (सु + अल्प)
हत्या (हत् + या)
हेत्वाभास (हेतु + आभास)
हिमालय (हिम + आलय)
क्षणैक (क्षण + एक)
क्षमौचित्य (क्षमा + औचित्य)
अनसूया (अन् + असूया)
अभीष्ट (अभि + इष्ट)
अत्युत्तम (अति + उत्तम)
अत्यल्प (अति + अल्प)
अत्याचार (अति + आचार)
अन्वर्थ (अनु + अर्थ)
इयत्ता (इयत् + इतके + ता)
ईश्वरेच्छा (ईश्वर + इच्छा)
उज्ज्वल (उत् + ज्वल)
उष्ण (उष + न)
एकैक (एक + एक)
कवीश्वर (कवि + ईश्वर)
कवीच्छा (कवि + इच्छा)
कोट्यधीश (कोटि + अधीश)
कित्येक (किती + एक)
गणेश (गण + ईश)
गंगोदक (गंगा + उदक)
गांगोर्मी (गंगा + ऊर्मी)
गंगौघ (गंगा + ओघ)
गिरीश (गिरि + ईश)
गुरुपदेश (गुरू + उपदेश)
गुर्वैश्वर्य (गुरू + ऐश्वर्य)
तत्त्व (तत् + त्व)
चतुरस्र (चतुर + अस्र)
देवर्षी (देव ॠषी)
देव्यैश्वर्य (देवी + ऐश्वर्य)
धारोष्ण (धारा + उष्ण)
जलौघ (जल + ओघ)
जलोर्मी (जल + ऊर्मी)
जनैक्य (जन + ऐक्य)
त्र्यंबक (त्रि + अंबक + डोळे)
नयन (ने + अन)
नद्योघ (नदी + ओघ)
गवीश्वर (गो + ईश्वर)
गायन (गै + अन)
नाविक (नौ + इक)
गोलाकार (गोल + आकार)
गोमतीच्छा (गोमती + इच्छा)
निर्भर्त्सना (निर् + भर्त्स् + अन)
निसर्गोपचार (निसर्ग + उपचार)
नैॠत्य (नैॠति + य)
परीक्षा (परि + ईशा) इ+ई+ई
पार्वत्तीश (पार्वती + ईश)
प्रतीक्षा (प्रति + ईक्षा) इ+ई+ई
प्रजैक्य (प्रजा + ऐक्य)
प्रीत्यर्थ (प्रीति + अर्थ)
प्रित्राज्ञा (पितृ + आज्ञा)
पित्रर्थ (पितृ + अर्थ)
बालौत्सुक्य (बाल + औचित्य)
ब्रह्यर्षी (ब्रह्य + ॠषी)
भान्वीश्वर (भानू + ईश्वर)
भानूद्य (भानु + उत्कर्ष)
भ्रात्रिच्छा (भ्रातृ + इच्छा)
भूद्धार (भू + उद्धार)
भूर्जा (भू + ऊर्जा)
महर्षी (महा + ॠषी)
महेंद्र (महा + इंद्र)
मथितार्थ (मथित + घुसळलेला + अर्थ)
महत्तम (महत् + तम)
महीश (मही + ईश)
महौदार्य (महा + औदार्य)
मातृण (मातृ + ॠण)
मतैक्य (मत + ऐक्य)
महर्षी (महा + ॠषी)
मन्वंतर (मनु + अंतर)
मध्वोज (मधु + ओज)
यथेष्ट (यथा + इष्ट)
यामुनौघ (यमुना + ओघ)
यव्दिन्द्र (यदु + इन्द्र)
रमेश (रमा + ईश)
रवींद्र (रवि + इंद्र) इ+इ+ई
रंभोरू (रंभा + ऊरू)
राजाज्ञा (राजा + आज्ञा)
रामेश्वर (राम + ईश्वर)
लघुतम (लघु + तम)
लोकेच्छा (लोक + इच्छा)
वधूत्कर्ष (वधू + उत्कर्ष)
वाङ्.मय (वाक् + मय) क् + म ङ्.म
विध्यर्थ (विधि + अर्थ)
विद्यार्थी (विद्या + अर्थी)
विद्यालय (विद्या + आलय)
विद्यामृत (विद्या + अमृत)
विद्यैश्वर्य (विद्या + ऐश्वर्य)
वृक्षौदार्य (वृक्ष + औदार्य)
शरच्चंद्र = शरद् + चंद्र (शरत् + चंद्र)
समुद्रोर्मी (समुद्र + ऊर्मी)
सदैव (सदा + एव)
सुशीला (सु + शीला)
सुज्ञ (सुज्ञ + ज्ञ = जाणणारा)
सूर्यास्त (सूर्य + अस्त)
सूर्योदय (सूर्य + उदय)
स्वल्प (सु + अल्प)
हत्या (हत् + या)
हेत्वाभास (हेतु + आभास)
हिमालय (हिम + आलय)
क्षणैक (क्षण + एक)
क्षमौचित्य (क्षमा + औचित्य)
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